बुधवार, 9 फ़रवरी 2022

MOTIVATIONAL STORY FOR POSITIVE THINKING IN HINDI

MOTIVATIONAL STORY FOR POSITIVE THINKING IN HINDI

 आप इस Blog में इस Post को पढने के बाद इस Article से संबंधित अपने विचार साझा कर सकते हैं।

आज का आर्टिकल इस बात पर आधारित है। कि मनुष्य जीवन में किस प्रकार से खुद ही परेशान होता है ।उसकी सोच ही उसके दुख का कारण बन जाती है जिस कारण हो हमेशा जीवन भर दुखी रहता है। आज इसी बात को लेकर शब्द से परेशानीयहां पर हम एक छोटी सी कहानी के रूप आर्टिकल पेश कर रहे हैं। जिससे हमें एहसास होगा कि हमारी सोच जैसी होगी वैसा ही हमारा मन दिमाग और जीवन होगा।

 



"स" शब्द से परेशानी -

आपके पड़ोस में एक सज्जन रहते हैं ।नाम है उनका श्याम सुंदर श्रीवास्तव। एक बार एक सड़क छाप ज्योति ने उनका हाथ पकड़ा और देख कर कहा कि बेटा जी आप स शब्द से सावधान रहना। यह तुम्हारे लिए बहुत मनहूस है और तुम्हारी मृत्यु भी स शब्द से होगी। स शब्द तुम्हारे लिए कॉल साबित होगा। अब श्याम सुंदर श्रीवास्तव जी चिंता में पड़ गए। उन्होंने सोचा कि स शब्द से दूर ही रहना चाहिए।

 इसलिए उन्होंने गंभीरता से लिया और उन्होंने स शब्द से सावधानी बरतनी शुरू कर दी। उन्होंने अपने मित्रों सत्य सुधीर संदीप शिकार संजय जितने भी स ,शब्द से दोस्त सभी को छोड़ दिया। सब्जी आदि से त्याग कर दिया। साइकिल से जाने से घबराने लगे।उन्होंने सोचा शायद शायद हो जाए सोमवार शुक्रवार शनिवार7,17, 27 तारीख को सावधान रहने लगे। सरकारी नौकरी छोड़ दी।

 एक बार उनके लिए एक रिश्ता आया खुशी खुशी हां कर बैठे मन ही मन लड्डू फूट रहे थे। अब हमारी शादी होगी शहनाई बजेगी सगाई होगी ससुराल जाना पड़ेगा ससुर साला साली सरहज होगी। बारातियों का स्वागत चाय समोसे से होगा।हम अपनी बीवी के साजन होंगे और उनकी बीवी उनकी सजनी होगी संतान होगी बाप रे इतने सारे स, उन्होंने डर के मारे शादी से इंकार कर दिया।

 नाम भी श्याम सुंदर था अब क्या सोचे मन में सोच रहे कि कैसे बचा जाए । एक बार श्याम सुंदर जी सहारनपुर जा रहे थे। स्टेशन का नाम सुनते ही डर गये। श्याम सुंदर जी सोच रहे आज उनकी समाधि बन जाएगी। राम-राम करके स्टेशन पहुंचने पर गाड़ी का नाम सुनते ही डर गये। गाड़ी का नाम शालीमार एक्सप्रेस था। उन्हें लगा गाड़ी नहीं यमदूत आ रही है जो उन्हें पर लोग ले जाने के लिए आए हैं। श्याम सुंदर जी बहुत डर रहे हैं तोबा तोबा करके गाड़ी स्टेशन से चली गई तो घोषणा हुई सहारनपुर एक्सप्रेस आ रही है। अब तो उन्हें और पसीने छूटने लगे ट्रेन में घुस गए तो पता चला की सीट पर बैठना है कहां तक मैं स शब्द से सावधान रहूं । सिगरेट शराब पीता नहीं आखिर कहां तक सावधान रहूं सांस तो लेनी पड़ेगी।

 कहने का मतलब यह है कि जिस बात को जिस तरीके से जिस नजरिए से देखेंगे हम वैसे ही होते चले जाएंगे। अगर श्याम सुंदर जी स शब्द को सौगात समझ लेते तो जीवन में परेशान नहीं होते। कहने का मतलब यह है की कठिनाइयां बहुत सी आती हैं.

 लेकिन हमारा नजरिया ऐसा होना चाहिए कि उन कठिनाइयों को अच्छाइयों में बदलने की ख्वाहिश होनी चाहिए। जिससे हम अपने जीवन को सुखमय और परिवारिक,सामाजिक तालमेल वाला बना सकते हैं। और सुंदर जीवन जी सकते हैं। तो यह थी श्याम सुंदर श्रीवास्तव की रोमांचक छोटी सी कहानी। जिससे हमें सीख लेनी है कि जिस तरह की हमारी सोच होगी, जैसा हमारा नजरिया होगा हम उसी तरह के बन जाएंगे। और यह सब हमारे खुद के निर्भर करता है।

यह आर्टिकल आपको कैसा लगा इसके बारे में अवश्य अपनी राय कमेंट दें। आप सब से अनुरोध है कि हमारे ब्लॉग पर आने की कृपा करें और हमें मोटिवेट करें कि हम और अच्छे बढ़िया आर्टिकल लिखने की कोशिश करें और लिखता रहूं। धन्यवाद

सोमवार, 7 फ़रवरी 2022

हार या जीत - MOTIVATIONAL POEM

हार- या- जीत  - MOTIVATIONAL -POEM

 

हार या जीत  - MOTIVATIONAL POEM

इस आर्टिकल में आपको एक मोटिवेशनल POEM  सुंदर शब्दों में मिलेगी। इस कविता को आपको समझना होगा कियोंकि इस कविता में शब्दों में किस तरह से प्रेम को परिभाषित किया है। तो चलिए शुरू करते है। 

मैं चाहकर, तुझे जीत न पाया मेरी हार में ही , मेरी जीत है।

मैं तेरे लिए कुछ भी तो नहीं ,तू मेरे लिए मनमीतमेरा गीत है

 मैं  सब कुछ हारा तुझको पाकर , एक तू ही मेरी जीत है।

 मै चाहकर तुझे जीत न पाया ,तेरी जीत में मेरी जीत है।



हार या जीत  -POEM

अपनों की भी ,परवाह न की ,तुझसे था रिस्ता जोड़ लिया।

सोचा था जो है अब मेरा , वह सब कुछ तुझसे जोड़ दिया।

 ना समझा फिर भी अपना ,कियों मुझसे था मुँह मोड़ लिया।

फिर भी मैं कहता हूँ दिल से , संसार हो तेरा प्यार भरा।

जहाँ रहे तू खुशियां बिखरी हों ,परिवार हो तेरा हरा भरा।

 मैं चाहकर ,तुझे जीत न पाया ,मेरी हार में ही मेरी जीत है।

 मैं तेरे लिए कुछ भी नहीं ,तू मेरे लिए मनमीत है मेरा गीत है।

 मैं तो था पहले से तन्हा ,कोई गैर मिला था अपना सा।

 मैंने अब सब भुला दिया  ,सोचा है, वह था,सपना सा।

 अब भी दिल से तुझसे कहता , माने या ना माने तू।

 जो आया था वह चला गया ,वह तो था सुन्दर सपना सा।

 परवाह न कर ,अब तू उसकी ,अब अपनों को पहचाने तू।

 मैं चाहकर ,तुझे जीत न पाया ,मेरी हार में ही मेरी जीत है।

 मैं तेरे लिए कुछ भी तो नहीं ,तू मेरे लिए मनमीत,मेरा गीत है।

तेरा जीवन ,अपनों में है ,

मेरी तू परवाह न कर मेरा जीवन सपनों में है

,मेरा जीवन सपनों में है।

 सपनें तो आते जाते है , जीवन में सब कुछ नाते है।

 तेरा जीवन तेरे अपनें , सुन्दर से ,तेरे सपनें सपनें तो आते जाते हैं।

 जीवन में सब कुछ नाते है।

 जो चला गया वह फिर मिलता ,जैसे सपनों में आते है।

 मैं चाहकर ,तुझे जीत न पाया ,मेरी हार में ही मेरी जीत है।

 मैं तेरे लिए कुछ भी तो नहीं ,तू मेरे लिए मनमीत मेरा गीत है।

 ना सफर हमारा खत्म हुआ , न अब भी मैं रुक पाउँगा।

 तू जीवन अपना चलता चल ,तेरे सपनों में आऊंगा।

 मैं हार गया तू जीत गया ,मैं हार गया तू जीत गया।

 एक सपना था वह टूट गया ,कोई अपना सा था छूट गया।

 ये दुनियां आनी जानी है ,अपनी ये प्रेम कहानी है।

 अपनी ये अंत कहानी है ,अपनी ये प्रेम कहानी है।

 मैं चाहकर ,तुझे जीत न पाया ,मेरी हार में मेरी जीत है।

 मैं तेरे लिए ,कुछ भी तो नहीं ,तू मेरे लिए मनमीत है गीत है।         

इस कविता के बारें में हमें अपना प्रोत्साहन अवश्य दें।  

                                           

MOTIVATIONAL STORY IN HINDI


 MOTIVATIONAL STORY IN HINDI

 मैं और मेरी तन्हाई आर्टिकल एक ऐसा आर्टिकल है।जिसमें हमें यह एहसास होता है कि हमारा समय हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है। हमारी जिंदगी में समय हमारे हालात को किस तरह अपने साथ में रखता है। और किस तरह अपने आप को हमारे जीवन में अपना महत्व को बताता है। और किस प्रकार हमारे जीवन में महत्वपूर्ण है। और किस प्रकार हमारे जीवन की नैया को अपने हाथों द्वारा संचालित करते हैं। इस आर्टिकल मैं और मेरी तन्हाई इसी बात पर आधारित है। 

 आइए इस आर्टिकल के द्वारा जानते है समय का हमारे जीवन में कितना महत्वपूर्ण है।

मैं और मेरी तन्हाई कभी भी एक साथ रहने को तैयार नहीं होती। जब से मैं अकेला रहने लगा हूं उस रात मेरी तन्हाई मुझसे मेरे जीवन की कहानी को बड़े प्यार से पूछती है। और मैं हमेशा यही कहता हूं कि तू मुझे अकेला छोड़ दे । क्या बताऊं मैं तुझे अपने जीवन की कहानी को कि मैं कुछ भी नहीं हूं ।और ना ही जीवन में अभी तक कुछ कर पाया हूं ।समय मेरा साथ नहीं दे रहा मुझे यह एहसास नहीं था की यह तन्हाई मुझसे सवाल क्यों पूछ रही है।

लेकिन तनहाई मेरे पीछे पड़ी हुई है रुलाती है झुंझलाती है बहुत तड़पाती है। बस एक ही उसके जहन में सवाल है की जिंदगी की कहानी बताओ। अब तक क्या किया। कैसे जीवन को जिया और कैसे जी रहा है। अगर तू मेरे सवाल का जवाब दे देगा तो मैं तेरा साथ छोड़ दूंगी। मेरे सवाल का जवाब अगर नहीं देगा तो मैं तेरा साथ कभी भी नहीं छोडूंगी। मैंने कहा आज मुझे तू छोड़ दे मुझ पर रहम खा। आगे से तुझे नहीं बुलाऊंगा तुझे नहीं अपनाएंगे। उसने मुझे छोड़ दिया और मैं फिर सो गया। सुबह हुई जब मैं उठा तो समय मेरे पास ही खड़ा था।वह मेरी तरफ देख रहा था मैं उसकी तरफ वह मुझे घूरे ही चला जा रहा था।

मुझे पता नहीं था कि मेरा समय बीतता चला जा रहा है। मैं कुछ करने को सोच रहा था अचानक समय बोल पड़ा क्या सोच रहा है तू। मैं अभी तेरे पास खड़ा हूं और तू है कि मेरी परवाह नहीं कर रहा है। मेरी तरफ देख भी नहीं रहा है

लेकिन मुझे तेरी परवाह है।लेकिन तुझे मेरी परवाह नहीं है। तू मुझे अपने पास खड़ा देख कर भी मेरा इस्तेमाल सही से नहीं कर रहा है धिक्कार है तेरी जिंदगी पर जी करता है तेरा साथ छोड़ दूं ।लेकिन मैं किसी का साथ नहीं छोड़ता तेरी मर्जी तू चाहे मुझे जैसे देख लेकिन मैं तेरा साथ नहीं छोडूगा।

 मैं तेरे हर पल साथ रहूंगा तू जैसा करेगा मैं जैसा बन जाऊंगा। तू जहां जाएगा मैं वहां जाऊंगा। और मैं कभी नहीं रुकता तू चाहे रुक जाए और मैं उसी का साथ देता हूं जो मेरी कदर करता है और जो मुझे अपने जीवन में अपने साथ साथ लेकर चलता है। मैं उसके जीवन में तन्हाई दुख जैसे पहलुओं को दूर भगाने की कोशिश करता रहता हूँ।

तूने कल तन्हाई से वादा किया था कि मैं कल से तुझे नहीं आने दूंगा। मैं सुन रहा था इसलिए तेरा साथ देने आया हूं। तन्हाई तेरे जीवन की कहानी पूछ रही थी ।क्योंकि तूने मुझे सही से नहीं अपनाया यदि मेरी कदर की होती। तो ना तो तन्हाई तेरे पास होती है और ना तू आज इतना दुखी होता है।




 आज के बाद अगर तू मेरी कदर करेगा मेरी इज्जत करेगा मुझे बर्बाद नहीं करेगा तो मैं तेरे साथ हमेशा तेरा बनकर खड़ा रहूंगा। तूने सुना होगा लोग कहते हैं । कि आज तेरा समय कल मेरा भी आएगा । मैं उन्हीं के पास जाता हूं और रहता हूं जो मेरी कदर करता हैं। और अगर तू आज के बाद इस जीवन को खुशहाल पाना चाहता है तुम मेरी कदर करना सीख लो मैं तेरे साथ हूं और तेरे साथ जीवनभर रहूंगा।

 जिंदगी के हर दुख में तेरे साथ रहूंगा मेरी कदर करेगा मैं तेरा साथ जिंदगी भर नहीं भूलूंगा। तेरी किस्मत बना दूंगा अगर तू मेरी इज्जत करेगा मेरा ख्याल रखना मेरी परवाह करेगा।

मेरी गति इतनी तेज है कि मुझे कोई पकड़ नहीं सकता मुझे कोई छू नहीं सकता मुझे कोई रोक नहीं सकता मैं समय हूं। और मेरी कदर करना सीख मैं तेरी जिंदगी की कदर करना औरों को सिखा दूंगा। मैं तुझे वहां तक पहुंचा दूंगा जिसके बारे में तू अभी तक सोच रहा है। मैं जानता हूं तूने मेरी कदर नहीं की जिसकी वजह से आज तू इतना परेशान है।

इतना कहकर समय वहां से गायब हो गया।

आर्टिकल आपको कैसा लगा इसके बारे में कमेंट अवश्य करें। और अपनी राय अवश्य में क्योंकि मैं संदीप सिंह राजावत हमेशा नए आर्टिकल और मोटिवेशनल स्टोरी को पेश करता रहता हूं ।

धन्यवाद

शनिवार, 5 फ़रवरी 2022

EK ADHURI PREM KAHANI

 

  A True Half Love Story

       


 
 
 आज मैं एक दर्दभरी प्रेमकहानी को  प्रस्तुत करने जा रहा हूँ जिसका टाइटल है   A TRUE HALF LOVE STORY ये गांव  की अधूरी  प्रेम कहानी है एक बहुत ही सीधा साधा लड़का था जो किसी एक सुन्दर लड़की से प्यार कर बैठा था जीवन में उसने आज तक उसके अलावा किसी भी लड़की की तरफ प्यार भर शरारती नजरों से नहीं देखा ,आज वो बिलकुल ही अकेला पड गया था। लेकिन उसे अभी तक अपनी प्रेमिका की तस्वीर अपने आसपास दिखायी पड़ती है वो उसे आज भी उतना ही प्यार करता है जितना  कि वो उसे पहले करता था।
तो आइए शुरू करते है और इस love स्टोरी के साथ चलते है 

एक गांव की कहानी है जिसमें रामू नाम का लड़का जिसका जन्म मिडिल क्लास के परिवार में हुआ था आज उसकी कहानी को उसके हर दर्द को हरपल को बयां करेगे वो बचपन से ही बहुत सरल था धीरे धीरे बडा होने लगा छोटा सा वो  अपने घर में सभी के साथ मिलझुल कर प्यार से रहता था उसकी इसबक्त लगभग उम्र दस बरस कि हो रही है अब वो स्कूल जानें लगा है उसका मन पढ़ाई में बहुत लगता था घर में उसे सभी प्यार से कल्लू नाम पुकारते थे घर कि प्यार भरी जिदगी में वो बहुत ही खुश था।

अब वो इस समय highschool  की क्लास में पड़ने जाने लगा उसने फर्स्ट divison से अपनी parikhsha पास की वो रास्ते में किसी से ज्यादा बोलता भी नहीं था शर्मीला था कभी भी वह क़िसी गलत जुबान से नहीं बोला था जिंदगी में उसने किसी को कभी भी दुख नहीं दिया। धीरे धीरे एक लड़की जो कि उसी के गांव की रहने वाली थी उससे धीरे धीरे बातें करने लगी लेकिन उस लड़के को नहीं मालूम था कि उस लड़की को उस से प्यार हो गया है लेकिन धीरे धीरे उससे उस लड़की ने पूछा कि तुमने कभी किसी से प्यार किया है मैं आज जाने कियोें किसी एक लड़के को प्यार कर बैठी हूँ। लेकिन वो अभी तक मुझसे अंजान है वो मेरी बात को बिलकुल नहीं समझता है वो मेरे  इशारो को बिलकुल नहीं समझता है बताओ मैं क्या कऱूें में उसे बहुत चाहती हूं।




मेेेरा कहीं दिल नहीं लगता है। उस लड़के ने पूॅछ ही लिया कि वो लड़का आखिर वह कौन सा है जरा मुझे भी तो बताओ मैं भी तो जानूं आखिर इस हुस्न का दिल किस पर जा लगा है उसने बहुत ही आसानी से कह दिया कि अब मैं क्या बता दूं आपको आप भी तो हमारे आसपास ही तो रहते है और आपको उसके बारे में सब कुछ मालूम है मैंने बहुत कोशिश की लेकिन आगे नहीं बढ़ पाई हूं उस लड़के के बारे में सब कुछ जानती हूँ लेकिन उसे इस बात के बारे में जरा भी मालूम नहीं है कि मैं उससे प्यार करने लगी हूँ

 आखिर में उस लड़के ने  कहा कि यदि आप हमें थोड़ा सा भी मानती हो तो हमारी कसम है उसने अपनी कसम खिलाकर पूछा कि मुझे बता दो मैं किसी नहीं बताऊंगा और बात रही उसे समझाने की वो तो मैं एक चुटकी में ही काम कर दूंगा। माय डिअर फ्रेंड। अब बात को वो दोने यही पर ख़त्म कर देते है। एक दूसरे को नहीं पता है अब शुरुआत कैसे धीरे -धीरे काफी टाइम हो जाता है लेकिन अभी तक लड़के को बात की जानकारी नहीं होती है कि उस लड़की को उसी से प्यार है। एक दिन की बात है की अचानक दोनों एक गाओं की एक बाग़ में मिल जाते है। दोनों को फिर एक दुसरे से बात करने का मौका खूब मिलता है।

लड़को को भी वो लड़की बहुत ही पसंद है लेकिन वो कुछ कह नहीं सकता कियोकि वो बहुत ही सीधा साधा था। एक दिन की बात ही की उस लड़की को गाव के एक मेले में जाना था लेकिन उसके पास पैसे न होने के कारण वो नहीं जा रही थी उस लड़के की आदत थी कि वो जब भी मिले उसके बारे में जरूर हाल पूछ लेता था। कि वह आज  इतनी उदास कियो है उस दिन भी ऐसा ही हुआ। जब लड़के ने पूछा कि क्या हुआ तुम आज उदास कियो हो तो उस लड़की ने कहा बस ऐसे ही लेकिन लड़के के बार- बार कहने पर उसने बताया की आज मेरी सहेली ने मुझसे कहा की चलो आज मेला चलते है लेकिन मैं कुछ कह न सकी कियोकि मेरे पास पैसे नही थे इसलिए आज कुछ मन अच्छा सा नहीं है।

 उस लड़के ने कहा बस इतनी से बात तुम उदास न हो मैं तुम्हें पैसे देता हूँ और तुम मेला चली जाओ। वो लड़की उस से पैसे नहीं ले रही थी लेकिन लड़के के बार बार कहने पर उससे लड़की ने पैसे ले लिए। लेकिन जाते बक्त उस लड़के ने उस लड़की से पूछा लेकिन आज जब आप मेला से बापस आना तो मुझे उस लड़के के बारे में जरूर बताना जिसे तुम प्यार करती हो। आप हमें अपना एक अच्छा दोस्त मानती हो न उसने कहा तुम तो पीछे ही पड़ गये हो ठीक है बाबा आज मैं तुम्हे बता दूँगी जैसे ही मैं बापस आऊंगी आज सब बातें बता  दूंगी कि मैं किस लड़के से प्यार करती हूँ।
इस कहानी की आगे की कहानी अगले ARTICLE में मिलेगी इस कहानी को हरपल नया मोड़ मिलता है तो आप इस कहानी को अवश्य ही पड़े।

आगे की कहानी को आप PART 2 में मिलेगी।

TRUE LOVE POEM IN HINDI

 


                                              TRUE  LOVE POEM IN HINDI



एक फूल खिला था एक वन में

एक फूल खिला था एक वन में।
वह प्रतिदिन हंसता रहता था


वह प्रतदिन हंसता रहता था।
मुझे गले लगाओ ,मुझे गले लगाओ प्रतिदिन मुझसे कहता था।मुझे गले लगाओ 

मुझे गले लगाओ हरदिन मुझसे कहता था।
फूल तोड़नें को मैंने जैसे बढ़ाये कदम

फूल मुझसे बोल पड़ा है, मर जायेंगे हम।
मैने सोंचा फूल एक दिन मुरझा जाएगा ,

गले लगा लूं यदि इसे समझा हार जाएगा ,
फूल तोड़नें को मैंने जैसे बढ़ाये कदम।

फूल मुझसे बोल पड़ा मर जायेंगे हम ,
मर जायेंगे हम ,मर जायेंगे हम।

पुष्प कहता है -
कियोें पुष्प को डाली से जुदा करते हो ,
डाली तो जी लेगी बिना हमारे

बिन डालेगी के मर जायेंगे हम ,मर जायें हम.
चल तू ही बता ओ डाली मेरी, क्या जी पायेंगे हम

डाली तो बेदर्द है रिस्ता ही भूल जाती
उसको नहीं क्या मालूम शोभा मेरे कारण आती।

शोभा मेरे कारण आती। 
यदि बेदर्दी तुझे मेरी जरुरत न थी कियोें मुझे अपना बनाया था
कियों मुझको इतना चाहा था।
कियोें मुझको गले लगाया था।
कियों मुझको गले लगाया था।

माली भी देख रहा है........
कि फूल किस तरह से
डाली से कह रह रहा है - फूल कहता है

कैसा अदभुत खेल हमारा, प्रतिदिन होता मेल हमारा।
सुबह को मिलती जीवन हमको शाम होता अंत हमारा।
कैसा अद्भुत खेल हमारा। हरपल होता मेल हमारा ।

डाली से भी नहीं रहा गया -
कहती है -डाली भी बोल पड़ी आँसू भर भर के ,
फूल और डाली का रिस्ता कितना प्यारा है।

एक तू ही मेरे जीने का अनमोल सहारा है।
''ये जान ले फूूल ये तेरी है भूल ये तेरी है भूल

तू ही मेरी धड़कन तू मेरी साँस।
हमें जिंदगी जब मिले जब होगी तेरीआश
जब होगी तेरी आस।

फूल से भी नहीं रह गया बोल ही पड़ा -

मैं कितना सुन्दर आया था कियोें मुझको गले लगाया था।
कियों तुमने गले लगाया था,कियोें इतना मुझको चाहा था।

जुदा मुझे करना ही था कियों मुझको गले लगाया था।
कियोें तुमनें मुझे बुलाया था ,कियोें तुमनें मुझे बुलाया था
.
डाली से भी नहीं रहा गया रोकर कहती है-

तुझसे बिछड़ना मेरी मजबूरी है , तुझे नहीं क्या मालूम,
तेरे बिन जिंदगी अधूरी है
जिंदगी अधूरी है.

माली फूल को तोड़ लेता है
 (फूल डाली से कहता है )

मैं कितना खुश था तुझसे मिलकर और तुमारे साथ में ,
मर जायेंगे हम ,मर जायेंगे हम जब पहुचें किसी के हांथ में।

तू मत रोना ओ डाली मेरी ,

मैं फिर से बापस आऊंगा फिर अपना तुझे बनाऊंगा।
मिले हजारों फूल मगर याद मुझे भी तुम रखना
 .
मैं फिर से बापस आऊंगा ,फिर अपना तुझे बनाऊंगा।
जब तुझमें साँस अगर हमारी आस है।

कसम खुदा कि मर के भी फूल तुमारे पास है।
हमें कभी भी न भूलाना यही हमारी आस है ,

कसम खुदा मर के भी फूल तुमारे पास है।
कसम खुद कि मर के भी फूल तुमारे पास है।
फूल तुमारे पास है
( यादें)

MOTIVATIONAL STORY FOR POSITIVE THINKING IN HINDI

MOTIVATIONAL STORY FOR POSITIVE THINKING IN HINDI  आप इस Blog में इस Post को पढने के बाद इस Article से संबंधित अपने विचार साझा कर सकते हैं। ...